और तो कोई बस ना चलेगा हिज्र के दर्द के मारो का
सुबह का होना दुभर कर दे रस्ता रोक सितारोका
[हिज्र- Seperation दुभर- Difficult]
झुठे सिक्को में भी उठा देते है अक्सर सच्चा माल
शक्ले देख के सौदा करना काम है इन बंजारोका
अपनी जुबॉँ से कुछ ना कहेंगे चूप ही रहेंगे आशिक लोग
तुमसे तो इतना हो सकता है पुछो हाल बेचारोका
एक जरासी बात थी जिसका चर्चा पहुचा गली गली
हम गुमनामो ने फ़िरभी एहसान ना माना यारोका
दर्द का कहना चिख उठो दिल का तकाज़ा वझा निभाओ
सब कुछ सहना चुप चुप रहना काम है इझ्झतदारोका
[दिल का तकाज़ा वझा- Heart's demand of self respect]
- इब्न-ए-इन्शा
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