प्रथमऋतू- PrathamRutu
दोन मनस्वी कवींची.... एक काव्यमैफ़िल...
Thursday, June 30, 2011
साहिल
साहिल
साहिल पर खडे होकर
समंदर की गहराई के बारेमे सोचने के
हम नही कायल...
बस समंदर के दिलसे निकलनेवाले
उस तुफ़ान का इंतजार है...
अभी अभी कोई आँसू
समंदर में जा मिला है...
-प्रथमेश किशोर पाठक
1 comment:
प्रथमऋतू
July 4, 2011 at 11:20 PM
Thank you swapnil...
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