१)
उम्मीद है तो किसी रोज घर भी आयेगीकभी तो धूप थकनसे शिकस्त खायेगी
२) मुझे भी बेच गयी मसलीहत मोहब्बत की
उसे भी कोई जरुरत खरीद लायेगी
३)मेरी झुकी हुई आँखे मेरी मोफब्बत है
तेरे सवाल पे वरना में लाजवाब नही
४)कभी यू हो के पत्थर चोट खाये
ये हर दम आईनेही चूर क्यु है
५)गमोंनें बाँट लिया है युँ आपस में
के जैसे में कोई लुटा हुआ खजाना था
६)हजार नाम थे मेरे मगर में सिर्फ़ एक था
न जाने कब में मंदिरोमे मस्जिदोमे बट गया
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